
Emergency & Censorship : a journalist’s memoir
NK SINGH
पत्रकारिता का मूल चरित्र सत्ता विरोधी होता है। यही वजह है कि पत्रकार अक्सर सत्ता से दो-चार हाथ करते दिखाई देते हैं। पूरी दुनिया में यह होता है। किसी भी अन्याय के खलाफ खड़े होने वालों में यह कौम सबसे आगे होती है।
अगर पत्रकारिता का मूल चरित्र सत्ता विरोधी होता है तो दूसरी तरफ सत्ता का मूल स्वभाव निष्पक्ष पत्रकारिता के खिलाफ होता है। सत्ता में बैठे ज्यादातर लोग अपनी चाटुकारिता पसंद करते हैं। Continue reading “पत्रकारिता, आपातकाल में और मोदी युग में”