
When a General fights an election
NK SINGH
छपे हुए प्रोग्राम के मुताबिक़ सुबह ७ बजकर ५५ मिनट पर चित्तौरगढ़ से भाजपा उम्मीदवार जसवंत सिंह का क़ाफ़िला चुनाव प्रचार के लिए रवाना होनेवाला था।
और ठीक 7.55 बजे अपने सुपरिचित सफारी सूट में उम्मीदवार महोदय उस दिन का चुनाव अभियान शुरू करने के लिए चित्तौर के सरकारी सर्किट हाउस में अपने कमरे से बाहर आए।
बरामदे में उस वक़्त हम केवल पांच लोग थे। मैं था, एक फोटोग्राफर थे, जसवंत सिंह की गाड़ी के ड्राइवर थेऔर चुनाव इंतज़ाम में लगे भाजपा के दो कार्यकर्ता थे।
सिंह ने पूछा, “और लोग कहां हैं?”
“वे आ रहे हैं,” कार्यकर्ता चिंतित नज़र आ रहे थे।
“लेकिन हमें 7.55 पर निकलना था। कोई बात नहीं, हमें निकलना चाहिए। “उम्मीदवार ने कहा।
जसवंत सिंह ने एक चौथाई सदी से भी पहले फ़ौज की नौकरी छोड़ दी थी. लेकिन फ़ौज ने उन्हें कभी नहीं छोड़ा। वह अपनी राजनीतिक लड़ाइयाँ फ़ौजी तरीक़ों से लड़ते थे। Continue reading “जब एक जनरल चुनाव लड़ता है”