
NK SINGH
चौथे आम चुनाव के बाद पतन होने वाली सरकारों में भोला पासवान शास्त्री मंत्रिमंडल छठा है. श्री शास्त्री ने जनसंघ का समर्थन वापस होने पर १ जुलाई को त्यागपत्र दे दिया.
जनसंघ उन चार अखिल भारतीय पार्टियों में से एक थी जो कि मंत्रिमंडल से बाहर रहकर अपना समर्थन शास्त्री सरकार को दे रही थी. परिणामस्वरूप 4 दिनों बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.
यह निश्चित था कि शास्त्री मंत्रिमंडल ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकता है, पर 9 दिनों की सम्भावना कि किसी ने नहीं सोची थी.
शास्त्री मंत्रिमंडल में शामिल सभी पार्टियों में कोई समय नहीं था – सिवाय उनकी कांग्रेस विरोधी नीति के.
नौ दिनों के शासन में इस संयुक्त विधायक दल ने एक अभूतपूर्व काम किया – शोषित दल के सभी चार विधायक मंत्री बन गए. (शोषित के दो विधायक कांग्रेस के साथ थे.)
जनसंघ ने अपने विरोध का कारण दो कांग्रेसी दलबदलुओं (दोनों मुसलमान) को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना बताया.
श्री शास्त्री ने इशारा किया कि जनसंघ की नाराजगी का वास्तविक कारण मुस्लिमों और ईसाईयों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था.
कोई भी पार्टी सरकार बनने की हालत में नहीं है. पर सारी पार्टियाँ राष्ट्रपति शासन के विरोध में हाय-तौबा मचा रही है.
Excerpts from Mashal 19 July 1969
Bihar Under President’s Rule
