
NK SINGH
शोर-गुल एवं अभद्र वातावरण में विधान सभा का सत्रावसान
दारोगा राय मंत्रिमंडल का अस्तित्व अडिग
प्रतिपक्षी दलों में फूट
विधायकों के वेतन-भत्तों में आशातीत वृद्धि
क्या कर्मचारियों के साथ भी यही व्यवहार होगा?
13 जून को विनियोग विधेक 68 वोटों से स्वीकृत हो जाने पर सत्र का मुख्य काम पूरा हो गया। इसके बाद का समय गहमा-गहमी में बीता।
विनियोग विधेक पर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने मत विभाजन की मांग तो अवश्य की थी, पर सरकार गिरी नहीं। अलबत्ता पार्टी की आपसी कलह जग-जाहिर हो गई।
उसके 15 विधायक आदेश (व्हिप ) के बावजूद मतदान के समय अनुपस्थित रहे।
कांग्रेसी विधायक (सिंडीकेट और इन्डिकेट दोनों) कोशिश कर रहे थे कि विधान परिषद खत्म करने का जो विधेयक स्वीकृत हुआ था, उसे रद्द कराया जाए।
सत्ताधारी काँग्रेस दल के ही एक विधायक ने प्रस्ताव पेश किया कि विधान परिषद का अस्तित्व 1974 तक कायम रखा जाए। अध्यक्ष ने निर्णय दिया की इस प्रस्ताव पर अगले सत्र में चर्चा होगी।
Excerpts from Mashal 11 July 1970
