Madhya Pradesh is a graveyard of English newspapers
NK SINGH
Published in Subah Savere, 7 August 2015
भोपाल से महज 160 किलोमीटर दूर हरदा में चार अगस्त की रात को एक भीषण रेल हादसा हुआ. जैसा कि स्वाभाविक है, अगली सुबह भोपाल के ज्यादातर बड़े अख़बारों में यह खबर पहले पन्ने पर थी.
सीमित साधनों वाले कुछ छोटे अख़बार, खासकर वे अख़बार जिनके पास अपना छापाखाना नहीं है, जरूर इस महत्वपूर्ण खबर को नहीं छाप पाए. खबर न छापने वालों में यह दैनिक भी शामिल है. (वैसे सुबह-सवेरे अपने आप को “दैनिक समाचार पत्रिका” कहता है.)
भोपाल के जिन दो बड़े समाचार पत्रों में हरदा हादसे की खबर उस दिन नहीं छपी, वे हैं —- हिंदुस्तान टाइम्स और टाइम्स ऑफ़ इंडिया. यह दोनों कोई छोटे-मोटे सीमित साधनों वाले अख़बार नहीं है. Continue reading “क्यों नहीं चलते हैं मध्य प्रदेश में अंग्रेजी के अखबार”